म्यूचुअल फण्ड : निवेश का एक बेहतरीन साधन
म्यूचुअल फण्ड क्या है ?
म्यूचुअल फण्ड में निवेश के फायदे
What is Mutual Fund | म्यूचुअल फण्ड क्या है ?
आजकल हर व्यक्ति अपनी कड़ी मेहनत की कमाई एवं बचत को ऐसी जगह निवेश करना चाहता है,जहाँ उसका निवेश सुरक्षित हो और उसके निवेश पर अधिकतम लाभ भी प्राप्त हो | इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बहुत से साधन उपलब्ध हैं, जैसे निवेश बैंक के साथ, पोस्ट ऑफिस के साथ, जीवन बीमा के साथ इत्यादि | इसी क्रम में म्यूचुअल फण्ड निवेश का एक बेहतरीन साधन है |
हर व्यक्ति का अपना निवेश का एक लक्ष्य, एक उद्देश्य होता है |इसी तरह एक लक्ष्य,एक उद्देश्य, एक विचारधारा के बहुत से निवेशक होते हैं, जो अपने निवेश से लाभ प्राप्त करना चाहते हैं और इसके साथ यह भी चाहते हैं की उनका निवेश सुरक्षित हो और उसका प्रबन्धन कोई पेशेवर व्यक्ति करे | म्यूचुअल फण्ड एक प्रकार का सामूहिक निवेश होता है | हिन्दी में इसे पारस्परिक निधि कहते हैं | म्यूचुअल फण्ड संचालक कम्पनी निवेशकों के निवेश लक्ष्य के अनुसार विभिन्न प्रकार की निधियाँ तैयार करती है, और निवेशकों के लक्ष्य के अनुसार तैयार फण्ड में निवेश करती है | जिसका प्रबन्धन एक पेशेवर फण्ड मैनेजर (निधि प्रबंधक) करता है |
म्यूचुअल फण्ड संचालक कम्पनी निवेशकों के छोटे - छोटे निवेशों को इकट्ठा करती है और इस इकट्ठा की हुई राशि को बाज़ार में निवेश करती है | फण्ड में निवेश से जो भी लाभ या हानि होती है उसे निवेशकों में बाँट दिया जाता है |
भारत वर्ष में म्यूचुअल फण्ड की शुरुवात सन १९६३ में यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इण्डिया की स्थापना के साथ शुरू हुई | १९६४ में यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इण्डिया द्वारा पहली स्कीम "यूनिट स्कीम - ६४ (यू. एस. - ६४)" लायी गयी | यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इण्डिया के बाद १९८७ में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक "स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया" का प्रवेश हुआ और "स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया म्युचुअल फण्ड की स्थापना हुई | इसके बाद १९९३ में प्राइवेट क्षेत्र को म्युचुवल फण्ड के क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति प्राप्त हुई |